बीपीएससी बिहार स्पेशल बुक | BPSC Bihar Special Book PDF In Hindi

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बीपीएससी’ बिहार लोक सेवा आयोग

किसी भी राज्य के भौगोलिक परिदृश्य के बारे में जानने के लिये उसकी भौगोलिक स्थिति व उच्चवच जानना आवश्यक होता है।

इस संदर्भ में बिहार की भौगोलिक स्थिति व उच्चावच में काफी विविधताएँ पाई जाती है। इनमें पर्वत, पठार, मैदान और अन्य भौगोलिक उच्चावच मिलकर बिहार की भौगोलिक संरचना को एक विशेष रूप प्रदान करते हैं।

बिहार की भौगोलिक स्थिति (Geographical Location of Bihar)

● बिहार भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक भू-आवेष्ठित राज्य है। इसके उत्तर में नेपाल, दक्षिण में झारखंड, पूरब में

पश्चिम बंगाल तथा पश्चिम में उत्तर प्रदेश स्थित है। बिहार राज्य का भौगोलिक विस्तार 24-2010″ उत्तरी अक्षांश से 273115″ उत्तरी अक्षांश तथा 831950 पूर्वी देशांतर से 88°1740 पूर्वी देशांतर के मध्य है।

• इसका संपूर्ण क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किमी. है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रफल 92,25751 वर्ग किमी. तथा शहरी क्षेत्रफल 1,095.49 वर्ग किमी. है। यह भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 2.86% है।

• बिहार की उत्तर से दक्षिण तक अधिकतम लंबाई 345 किमी. तथा पूरव से पश्चिम तक अधिकतम चौड़ाई 483 किमी. है। समुद्र तट से बिहार की दूरी लगभग 200 किमी. है।

समुद्र तल से इस राज्य की ऊँचाई 173 फोट है तथा यह गंगा-गली नदी मार्ग द्वारा समुद्र से जुड़ा है।

भूगर्भिक संरचना (Geological structure)

बिहार की भूगर्भिक संरचना के अध्ययन हेतु विभिन्न युग में निर्मित चट्टानों का प्रयोग किया जाता है।

बिहार में पाई जाने वाली चट्टानों को 4 प्रमुख संरचनात्मक समूहों में रखा जाता है

(i) धारवाड़ चट्टानें

(i) विध्यन समूह की चट्टानें

(iii) दर्शिबरी चट्टानें

(iv) क्वाटर्न चट्टानें

प्रीकैलियन युग में निर्मित में चट्टानें बिहार के दक्षिण पूर्वी भाग, मुंगेर में तिखड़गपुर.

किसी भी स्थान के वातावरण की रोर्घकालिक स्थिति को जलवायु के माध्यम से समझा जाता है। बिहार की जलवायु

में भी अन्य राज्यों की तरह क्षेत्रीय विविधता दिखाई देती है। एक ही समय में बिहार के कुछ क्षेत्र जलप्लावित रहते हैं जबकि दूसरी तरफ सूखा का प्रकोप रहता है। इस प्रकार की विविधता जलवायु द्वारा निर्धारित होती है, जिसका स्पष्ट प्रभाव यहाँ की पूरा पर भी पड़ता है।

जलवायु (Climate)

बिहार में मानसूनी प्रकार की जलवायु पाई जाती है। अपने अक्षांशीय विस्तार के आधार पर यह उपोष्ण जलवायु क्षेत्र

के अंतर्गत आता है। • यहाँ की जलवायु में महाद्वीपीय लक्षण पाए जाते हैं।

• इसके पूर्वी भाग में आई तथा पश्चिमी भाग में अर्द्धशुष्क जलवायु मिलती है।

• कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के आधार पर बिहार का उत्तरी भाग Cag तथा दक्षिणी भाग Aw जलवायु के अंतर्गत आता है।

• बिहार की जलवायु को निम्नलिखित कारक प्रभावित करते हैं हिमालय की अवस्थिति, कर्क रेखा से दूरी, बंगाल की खाड़ी से इसकी निकटता, ग्रीष्मकालीन तूफान तथा दक्षिण-पश्चिम मानसून की क्रियाशीलता) बिहार में मुख्य रूप से तीन ऋतुएँ पाई जाती है

ग्रीष्म ऋतु (मार्च से जून के मध्य तक) (Summer season (March to mid June))

● सूर्य के उत्तरायण होने के कारण इस समय तापमान में बढ़ोतरी होती जाती है। यहाँ मई का महीना सर्वाधिक गर्म होता है।

• ग्रीष्म ऋतु में बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न होने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के कारण बिहार के पूर्वी हिस्से में बारिश होती है। इस वर्ष की नालेस्टर’ कहा जाता है।

• बिहार का सबसे गर्म स्थान गया जिले में है। वर्षा ऋतु (मध्य जून से मध्य अक्टूबर तक ) / Rainy season (Mid June to mid October)

• बिहार में मानसून का आगमन मध्य जून में होता.

शीत ऋतु (नवंबर से फरवरी तक) (Winter season (November to February))

• इस ऋतु में भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले चक्रवातीय तूफानों से झझावाती वर्षा होती है।

• यह वर्षा रबी की फसल के लिये सामदायक मानी जाती है।

• बिहार में शीत ऋतु का सर्वाधिक ठंडा महीना जनवरी का होता है। इस समय औसत न्यूनतम तापमान 7.5 सेट के आस-पास रहता है।

लेखक
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 31
PDF साइज़20 MB
CategoryEducation
Source/Creditsdrive.google.com

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