भागो नहीं भाग्य को बदलो | Architects Of Fate PDF In Hindi

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भागो नहीं भाग्य को बदलो – Architects Of Fate Or Steps To Success And Power PDF Free Download

अवसर को पहचानना सीखें

जिस व्यक्ति में अवसर को पहचानकर उसे पकड़ लेने की योग्यता होती है, वही जीवन में सफल हो सकता है। हाथ आए अवसर को खोने वाला सदैव हाथ मलता रह जाता है।

परन्तु अवसर भी उसी को प्राप्त होता है जो योग्यतापूर्वक उपयुक्त परिश्रम एवं त्याग करते हुए उचित मौके की तलाश में रहता है। समय, अवसर या मौका समानार्थक ही हैं।

कहते हैं समय या अवसर के माथे पर बाल हैं और मुखड़ा उन बालों से ढका हुआ है तथा उसके सिर के पीछे का भाग गंजा है। मुंह ढका होने से उसे कोई पहचान नहीं सकता।

कहा गया है कि अवसर का सिर पीछे से गंजा होता है। इसका भाव यह है कि अवसर मिलते ही उसे सामने से पकड़ लो।

यदि वह आगे निकल गया और आप चूक गए तो आपके हाथ कुछ भी नहीं आएगा, क्योंकि उसके सिर का पिछला भाग गंजा है, अर्थात गया वक्त फिर हाथ नहीं आता। यह एक सन्देश है, आपके लिए एक नई प्रेरणा है।

अवसर सम्बन्ध में एक यूनानी कथा बड़ी प्रचलित है। किसी समय यूनान संसार अत्यन्त सभ्य और समृद्धतम देशों में था। वहां की कला बहुत ही कमनीय और महान थी।

कहते हैं कि सिकन्दर के समकालीन मूर्तिकार लिसिपस ने अवसर की मूर्ति बनाई थी। वह मूर्ति तो आज एक स्वप्न है, परन्तु उसका चित्र केलिस्टूमरा नामक व्यक्ति ने देखा था, जिसने उसका वर्णन यों किया है

समय, अवसर अथवा मौका एक सुन्दर युवक है जिसका शरीर यौवन के वसन्त से सदा दैदीप्यमान है। उसके मुख की आभा दर्शनीय है। उसके केश हवा में लहराते हैं।

उसका उज्ज्वल मस्तक गरिमापूर्ण है। उसके गाल जवानी की अरुणाई लिए हुए हैं। उसके पैरों में पंख लगे हुए हैं, जिससे पता चलता है कि वह बहुत तेजी से चलता या उड़ता है।

वह उड़ने की मुद्रा में एक स्थान पर खड़ा है। उसके सुन्दर केश माथे पर लहराते हैं, परन्तु सिर के पिछले भाग पर छोटे-छोटे रोएं-से हैं। जैसा हमने ऊपर कहा, उसके गुजर जाने पर उसे पकड़ पाना सर्वथा असम्भव है।

वह एक आदमी के घर बंर्तन मांजने का काम करता. था और जब कभी समय मिलता तो वह पत्थर काटने वालों के पास चला.

जाता और उनके पास मजदूरी करता। पत्थर काटने के बहुत थोड़े पैसे मिलते, पर उसमें एक विशेषता यह थी कि वह जो भी काम करता, बड़े ध्यान से करता। वह पत्थर काटने का काम भी पूरी तन्‍्मयता, रुचि और लगन से करता।

दिन उसके मालिक॑ ने अपने नगर के कलाकारों, व्यापारियों और अन्य मित्रों को . अपने घर पर खाने का निमन्त्रण दिया। बड़े खानसामा ने खाने की टेबल पर बीच में रखने के लिए एक सुन्दर चीज बनाई, शायद बड़ा क्रेक था। अचानक रखते समय उसका .

एक हिस्सा टूट गयां। उधर मेहमानों के आने का समय हो रहा था और इधर मेजबान परेशान था। उस वक्‍त उस बर्तन मांजने वाले लड़के ने मालिक को भरोसा दिलाया कि वह सब ठीक कर देगा।

उसने मक्खन का एक बड़ा-सा टुकड़ा लेकर उसेसे शेर का मुंह बना दिया। शेर का मुंह इतना सुन्दर था कि मालिक बहुत प्रसन्‍न हुआ।

इतने में. मेहमान आ गए और जब वे खाने की मेज पर बैठे तो शेर का मुंह देखकर आश्चर्यचकित रह गए। इतना सुन्दर और ऐसा कलापूर्ण!

उनमें से एक ने पूछा कि यह किस कलाकार ने बनाया है, तब बताया गया कि इसे तो बर्तन मांजने वाले लड़के ने बनाया है। उसके बाद उसके मालिक ने उसे कला की उच्च शिक्षा दी और वह विश्व के सुप्रसिद्ध कलाकारों में गिना जाने लेगा। उसका पूरा नाम एण्टोनियो कानोवा था।

उसने अपने देश इटली का नाम रोशन किया और विश्व-प्रसिद्ध वीनस की मूर्ति का निर्माण किया। इस मूर्तिकार का नाम सदा-सदा के लिए अमर है और कला के इतिहास में स्वर्णक्षरों में लिखा रहेगा।

यदि वह बर्तन मांजने वाला लड़का इस आने वाले अवसर के लिए तैयार न होता तो जिन्दगी भर बर्तन ही मांजता रहता और उसे कोई भी न जान पाता।

संसार में ऐसे अनेक व्यक्तियों के उदाहरण हैं, जिन्होंने अवसर को पहचांना और मौका चूकने न दिया। इनमें ही हावर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सार्जेण्ट का नाम भी आता है। उन्होंने अपने जीवन का वर्णन स्वयं लिखा है।

वह जब विद्यार्थी थे तो उनकी इच्छा कुछ आविष्कार करने की थी। अतः जब वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय में व्यायामशाला के डायरेक्टर बने तो वहां भी उनके मन में कुछ करने की आशा प्रज्वलित थी।

वहां व्यायामशाला में बड़े-बड़े बेढंगे औजार और व्यायाम करने की चीजें थीं। प्रोफेसर सार्जेण्ट ने उन्हें ठीक करने का बीड़ा उठाया; कुछ में सुधार किया और कुछ नए यन्त्रों-उपकरणों का आविष्कार किया।

व्यायामशाला के डायरेक्टर के. पद पर उन्हें अभी एक ही वर्ष हुआ था कि व्यायाम-उपकरणों की एक प्रदर्शनी हुई।

: उसमें प्रो. सार्जेण्ट द्वारा तैयार किए गए उपकरणों को बहुत प्रशंसा मिली। उसे देखने वालों में अन्य कई विश्वविद्यालयों के अधिकारी भी थे।

लेखक स्वेट मार्डेन- Swett Marden
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 159
Pdf साइज़46.1 MB
Categoryप्रेरक(Inspirational)

भागो नहीं भाग्य को बदलो -Bhago Nahi Bhagya Ko Badlo Pdf Free Download

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