बच्चो सुनो कहानी – Bachcho Suno Kahani Book/Pustak PDF Free Download
Bachchon Suno Kahani PDF In Hindi
घोड़ा और घोड़ी
एक घोडी दिन-रात खेत में चरती रहती हन में जुता नहीं करती थी. जबकि घोड़ा दिन के वक्त हल में जूता रहता और रात को चरता घोड़ी ने उससे कहा “किसलिये जुता करते हो? तुम्हारी जगह में तो कभी ऐसा न करती।
मालिक मुक पर चाबुक बरसाता मैं उस पर दुली चलाती। अगले दिन घोड़े ऐसा ही किया किसान ने देखा कि पोटायल हो गया है। इसलिये उसने घोड़ों को ही इन में जोत दिया।
लोमड़ी और सारस
एक लोमड़ी ने सारस को अपने यहां खाने पर बुलाया और चौड़ी तश्तरी में दलिया डालकर उसके सामने रख दिया। परम अपनी लम्बी चोंच से कुछ भी नहीं खा पाया और मड़ी खुद ही सारा दलिया चाट चाटकर खा गयी।
अगले दिन रसने लोमड़ी को अपने पर आमन्त्रित किया और हवाली सुराही में शोरबा डालकर लोमड़ी के सामने पेश कर दिया। लोमड़ी सुराही में अपनी भूथनी नहीं घुसे सकी, लेकिन सारस ने अपनी पूरी गर्दन उसमें डालकर खुद ही सारा शोरबा पी लिया।
बन्दरी के बच्चे
एक बन्दरी के दो बच्चे थे। एक को वह प्यार करती थी. मगर दूसरे को नहीं एक दिन लोगों ने बन्दरों को खदेड़ना शुरू किया। बन्दरी ने झटपट अपने चहेते बच्चे को उठाया और उसे लेकर भाग चली।
दूसरे बच्चे को उसने वहीं छोड़ दिया। यह बच्चा, जो बन्दरी का लाइला नहीं था, पेड़ो के झुरमुट में जा छिपा लोगों की उम्र पर नजर नहीं पड़ी और वे उसके करीब से भागते हुए आगे निकल गये।
बन्दरी इतनी उतावली में पेड़ पर नदी कि उसके प्यारे बच्चे का सिर तने से टकरा गया और वह मर गया। लोगों के जाने पर बन्दरी उस बच्चे को ढूंढने गयी जिसे प्यार नहीं करती थी. किन्तु वह भी उसे नहीं मिला और वह अकेली रह गयी।
लेखक | Lev Tolstoy |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 80 |
PDF साइज़ | 13.7 MB |
Category | Story |
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