आधुनिक पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान – Animal Husbandry and Dairy Science Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। देश के लगभग 5 साथ गांवों में लगभग ६० प्रतिशत जनसंख्या, जिसके पास 90 प्रति घन पशुपन है, रहती है
जिनमें से 80 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रू से कृषि पर आधारित है। पशु-मानव को संतुलित माहार ही नहीं प्रदान करते हैं बॉल्क कृषि कार्यों को करने के साथ-साथ बहुमूल्य जीवांश खाद देते हैं ।
प्रार्थिक दृष्टि में राजस्थान एक पिछड़ा हुआा गरीब प्रदेश है जहां की काफी जनसंख्या कृषि तथा इससे संबंधित व्यवसायों से जीवन यापन करती हैं।
यहां की शुष्क एवं पद्धक जलवायु तया रेतीतो भूमि होने से कृषिपूर्णतया प्रकृति पर निर्भर है जिसमे सफल कृषि नही हो जाती है पौर अधिकांश लोग पशु पालते हैं
जिससे विपम स्थिति मे मे पशुमों से प्राप्त प्राय वह अपना तथा परिवार का भरण-पोपण कर सकें । राज्य में विभिन्न प्रकार के 4.95 करोड़ पशु पाये जाते है।
कुल राष्ट्रीय माय का 7 प्रतिशत घन पशुधन तथा इससे जुड़े व्यवसायो से प्राप्त होता है। राज्य का कोई न कोई भाग अकाल की विभीषका का सामना करता रहता है फिर भी राज्य की कुल प्राय का 12 प्रतिशत भाग पशु धन से मिलता है।
प्रतः बहु अत्यंत आवश्यक है कि मरकार पशु धन विकास के लिये पर्याप्त माधन जुटाये । इसीलिये दुग्ध विकास, पशु नस्ल सुधार और रोगों की रोकथाम के लिये ‘थापरेशन पलड’ योजना के अन्तर्गत द्वितीय चरण में 16 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है
जिससे प्रामीण क्षेत्र के 1 करोड़ 13 लाख पशु पालक लाभान्वित होंगे | राज्य की अर्थव्यवस्था मे पशुधन से प्राप्त पदार्थों से ग्राय के योगदान का जानकारी निम्न विवरण से मिलती है
लेखक | Ram Avatar Dwivedi |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 294 |
PDF साइज़ | 4.5 MB |
Category | Literature |
आधुनिक पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान – Animal Husbandry and Dairy Science Book/Pustak PDF Free Download