अहसनुल बयान – Ahasanul Bayaan Hindi Book Pdf Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
इस सूरः में आगे चलकर गाय की घटना (वाकेआ) का बयान हुआ है, इसलिए इसे बकर गाय की घटना वाली सूरः (अरबी में बकर: गाय को कहते हैं) कहा जाता है ।
इन्हें अरबी में हरफे-मुक्ता (अलग-अलग अक्षर) कहा जाता है, यानी अलग-अलग पढ़े जाने वाले अक्षर |
इन के मतलब के बारे में कोई प्रमाणित कथन (कौल) नहीं है।गैब का अर्थ (मायने) वे चीजें है जिनका हल दिमाग और अक्त के जरिये नहीं,
जैसे अल्लाह तआला का होना, बहयी (प्रकाशनायें। इलाही, जन्नत, जहन्नम, मलायेका (फ़रिश्ते, ईश्दूत), कब का अजाब, हश्र का होना आदि वगैरह। ।
इस से मालूम हुआ कि अल्लाह और रसूल की बतायी हुई खबरों पर अक्ल, आभास के सिवाय पर यकीन करना ईमान का हिस्सा है और इनका इंकार कुफ् व गुमराही है।
माज कायम करने का मतलब है कि पाबन्दी से सुन्नते नववी के अनुसार नमाज पढ़ना, नहीं तो नमाज तो मुनाफिक (जो ऊपर से मुसलमान अन्दर से कुछ और) भी पढ़ते थे |
पिछली किताबों पर ईमान लाने का मतलब यह है कि जो किताबे नबियों पर नाजिल हुई, वे सभी सच्ची हैं, अगरचे अब उन के अनुसार अमल नहीं किया जा सकता, अब अमल केवल कुरआन और नवी की हदीस के अनुसार ही किया जाएगा |
यह उन के ईमान न लाने का सबब बताया गया है चूंकि कुफ्र और गुनाह के लगातार करने के कारण उन के दिलों से सच्चाई को कुबूल करने की ताकत बत्म हो चुकी है तो वह ईमान किस तरह ला सकते है?
यहाँ से तीसरे गुट मुनाफिको. का बयान होता है, जिन के दिल ईमान से खाली थे लेकिन ईमानवालों को धोखा देने के लिए मुंह से ईमान का दिखावा करते थे। बिगाड़, सुधार का उल्टा है ।
लेखक | मोहम्मद जूनागढ़ी-Mohammad Junagadhi |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 1156 |
Pdf साइज़ | 35.2 MB |
Category | धार्मिक(Religious) |
अहसनुल बयान – Ahasanul Bayaan Book Pdf Free Download