आओ कंप्यूटर जाने – About Computer Book/Pustak PDF Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
कम्प्यूटर का विकास किसी एक व्यक्ति द्वारा एक दिन में नहीं किया गया है। इसके विकास को अनेक स्थितियों से गुजरना पडा है। कम्प्यूटर के विकास की कहानी बड़ी लम्बी, मनोरंजक और दिलचस्प है। आइये नजर डालते है इस कहानी पर।
प्राचीन तरीके एक समय ऐसा या जय मनुष्य के पास गिनने का कोई तरीका न था। शायद गिनने का प्रक्रम प्राचीन काल में गडरियो से शुरू हुआ। गडरिये अपनी भेड़ों को गिनने के लिए पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़ों का प्रयोग करते थे।
सुबह गड़रिया जब अपनी भेड़ों को दरगाह में चरने के लिए ते जाता था तो प्रत्येक मेड के लिए अपनी जेब में पत्थर का एक टुकड़ा डालता जाता था। इस प्रकार भेडों की संख्या के बरदा उसकी जेद में पत्थर के टुकड़े आ जाते थे।
शाम को जब भेडे लौटकर चरागार से आती थी तो प्रत्येक भेड़ के लिए गड़रिया एक-एक टुकड़ा अपनी जेब से बाहर निकालता जाता था।
इसके आधार पर यह निश्चय करता था कि कहीं उसकी कोई भेड़ गायब तो नहीं हो गयी है। जितने पत्थर के टुकड़े जेब में बच जाते थे थे खोई हुई भेड़ के बराबर होते थे।
धीरे धीरे सभ्यता का विकास हुआ और मनुष्य गिनती गिनने के लिए पत्थरों की जगह छड़ों का प्रयोग करने लगा।
समय बीतता गया और मानव अंको के उपयोग तक पहुंच गया।गणनायें करने के लिए सबसे पहली युक्ति अवाकस या गिनतारा थी। बच्चों को गिनती सिखाने के लिए आज भी अबाकस का प्रयोग किया जाता है।
अबाकस का प्रयोग आज से लगभग 5 हजार वर्ष पहले चीनियो ने शुरू किया था। इस मशीन में एक चौकोर फ्रेम होना था। इसमें तार लगे होते थे और इन तारों में छेद वाले दाने लगे होते थे। लकड़ी का फ्रेम दो भागो में बंटा होता या ।
लेखक | अमित गर्ग-Amit Garg |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 122 |
Pdf साइज़ | 4.5 MB |
Category | विषय(Subject) |
कंप्यूटर – Aao Computer Jaane Book/Pustak PDF Free Download