योगासन एवं साधना – Yoga And Meditation Book Pdf Free Download
पुस्तक का एक मशीनी अंश
अपने अधिकार में रहते हैं और उनकी निगरानी करते हैं । नाडी मण्डल को शरीर की राजधानी का राजा समझना चाहिए। मदि सिर की खोपड़ी को वाट दें तो मस्तिप्क दिखाई देगा। मस्तिष्क की शपल अखरोट की गिरी से मिलती-जुलती है।
मस्तिष्क सारे शरीर के कार्य को बात-रज्जुमो (नाडी-सूत्रों) द्वारा चलाता है। यह नाडी सूत्र डोरी के समान सस्त होते हैं, खीचने से जल्दी नहीं टूटते और काटने पर भीतर से ठोस निकलते हैं।
नाही सूत्रों पर यसर् नाड़ी सु्र बिजली के तारो के समान काम करते हैं। जिस प्रकार भिजली के तारों द्वारा समाचार एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचते हैं, वैसे ही जीवित तारो झरा शरीर में समाचार एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हैं।
मस्तिष्क शरीर पर राज्य करता है, नाडी तार उसके दूत हैं। मस्तिष्क की आशा शेष अंगों तक इन्ही तारों द्वरा पहुंचती है।मस्तिष्क दो होते हैं : एक लघु मस्तिष्क, दूसरा बृहद् मस्तिष्पा बृहद् मस्तिष्क के विविध भागों के अलग-अलग काम है
किसी भाग का शरीर की गतियो से सम्बन्ध है तो किसी का पीड़ा, ऊष्णता, शीत के ज्ञान से सम्बन्ध है कोई भाग गनन शन्त से सम्बन्ध रखता है और रोई दृष्टि, स्वाद, प्राण भदि मे। ये भाग बैसे तो अलग-अलग हैं, परन्तु इन सबका आपस में तारो द्वारा सम्बन्ध रहता है।
वृहद् मस्तिष्क के दो केंद्र है: एक दाहिनी ओर दूसरा बायी ओर। दायां भाग शरीर के सायें भाग पर और शामा शरीर के दाये भाग पर शासन करता है। किसी राज्य के विभागो की तरह या किसी जिले के अफसरों की तरह यह केट अपने कामो के लिए जिम्मेदार है।
लेखक | डॉ। सत्य पाल-Dr. Satya Pal |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 136 |
Pdf साइज़ | 2.5 MB |
Category | स्वास्थ्य(Health) |
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