स्वामी रामतीर्थ के उपदेश – Swami Ramtirth Ke Updesh Pdf Free Download

स्वामी रामतीर्थ के लेख व उपदेश
जिनसे मेरा धनिष्ट परिचय था और जिनके साथ मैंने करम किया था पंजाब के स्वामी रामतीर्थ पम् प ये। आप उन उत्तम और उत्कृष्ट आत्माओं में से थे,
जो आमा की बमासम आकांक्षाओं की प्राप्ति का आवर्शो उपस्थित करने के लिए कमी कमी मानव-जाति के मध्य में तरापा करती हैं। स्वामीजी ने पंजाब के गुजरातवाला जिले
एक धर्म-परायण ग्राहमया-बंश में जन्म लेकट, और कोई पूजी पास न होते हुए भी, २०-११ वर्ष की अवस्था में, पंजाब युनिवर्सिटी में, गणित में एम० ए० परीक्षा पास करके नाम पेदा किया।
इसके बाद वे लाहौर के फ़ोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज के प्रोफेसर बनाये गये । परन्तु उपनिपकों के महान् सिद्धान्त तत्वमसि (बह तू है) की सल्यवा का प्रत्यक्ष अनुभव करने के लिए
वे शीत्र ही अपने इस पद तथा कुटुम्बियों और मित्रों से सारा सम्बन्ध त्यागकर हिमालय की ओर चक्ष द्िये बगत में वनिषपद् की एक पोथी दबी हुई है, साथी हैं जंगल के पथ-पक्षी और पहावी गंगा का स्वच्छ जल ।
गरमी, सर्दी और बन की सभी मुसीबतों को मेला जीवन की समस्याओं पर गंभीर विचार में ख, यह नवयुवक बरसों तक लगातार भटकता रहा । कभी वह कैलाश-शिरवर पर चढ़ता है,
तो कभी करमीर में अमरनाथ की यात्रा कर रहा है। यदि ध्राज यमुना के के मूल-स्थान यमुनोत्तरी के दर्शन करने गया है, तो कल गंगा के मूल सोत गंगोचरी जायगा।
नित्य नवी के तट पर विचार में बराबर दिन पर-दिन चिता रहा है । इतने पर भी जब वह अनुसन्धान की वस्तु को अब वह अपने भाषको भारत की सेवा में गाने के लिए पहादों से नीचे उतरकर जन-समाज में आता है,
लेखक | रामेश्वर सहाय सिंह-Rameswar Sahay Singh |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 382 |
Pdf साइज़ | 13.4 MB |
Category | प्रेरक(Inspirational) |
स्वामी रामतीर्थ के उपदेश – Swami Ramtirth Ke Updesh Pdf Free Download