साल 2024 में महाराजा अग्रसेन की जन्म जयंती 15 अक्टूबर, रविवार के दिन है। 4000 ईस पूर्व में अग्रोहा राज्य के क्षत्रिय राजा अग्रसेन थे जो आज हरियाणा का इलाका है। कहा जाता है इन्होने पांडवो की तरफ से युद्ध किया था।
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वर्तमान का अग्रवाल समुदाय इससे संबंधित है। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन ने “अग्रवाल ध्वज” को प्रमाणित किया। जिसमे सूर्य की 18 किरणें 18 गोत्रों की सूचक हैं। रूपया और ईट महाराजा अग्रसेन के समाजवाद के प्रतीक हैं। ध्वज का रंग केसरिया है। सूर्य, रूपया तथा ईंट का रंग सिलवर है। ध्वज की चौड़ाई 18 इंच व लम्बाई 27 इंच है तथा अंग्रेजी के अक्षर ‘वी’ (ट) के समान कटाव 9 इंच में है। नेफे का भाग 27 इंच के अतिरिक्त है। इसी अनुपात से बड़ा या छोटा ध्वज बनाया जा सकता है।
1976 में पोस्टल स्टाम्प में अग्रसेन का फोटो चिन्हित था।
महाराजा अग्रसेन जी की आरती – Maharaja Agrasen Ji Ki Aarti PDF Free Download
जय श्री अग्र हरे, स्वामी जय श्री अग्र हरे।
कोटि कोटि नत मस्तक, सादर नमन करें।।
जय श्री अग्र हरे…
आश्विन शुक्ल एकं, नृप वल्लभ जय।
अग्र वंश संस्थापक, नागवंश ब्याहे।।
जय श्री अग्र हरे…
अग्रोहा राजधानी, इंद्र शरण आए!
गोत्र अट्ठारह अनुपम, चारण गुंड गाए।।
जय श्री अग्र हरे…
सत्य, अहिंसा पालक, न्याय, नीति, समता!
ईंट, रुपए की रीति, प्रकट करे ममता।।
जय श्री अग्र हरे…
ब्रह्मा, विष्णु, शंकर, वर सिंहनी दीन्हा।।
कुल देवी महामाया, वैश्य करम कीन्हा।।
जय श्री अग्र हरे…
अग्रसेन जी की आरती, जो कोई नर गाए!
कहत त्रिलोक विनय से सुख सम्पत्ति पाए।।
जय श्री अग्र हरे…
Language | हिंदी |
No. of Pages | 1 |
PDF Size | 0.1 MB |
Category | Aarti Collection |
Source/Credits | godsandprayer |
महाराजा अग्रसेन जी की आरती(Maharaja Agrasen Ji Ki Aarti) PDF Free Download