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लिंगाष्टकम स्तोत्रम – Lingashtakam Lyrics With Meaning PDF Free Download

शिव भगवान के भक्तो के लिए यहाँ पर हिंदी भाषा में Lingashtakam Stotram अपलोड किया है। लिंगाष्ठकम आठ श्लोको का एक बड़ा शिव मन्त्र है, इस मन्त्र के पदों में शिव- लिंग की महिमा का वर्णन किया गया है और विस्तृत रूप से उसकी महानता को भी बताया है।
यह शिव पंचाक्षरी मंत्रो, शिव चालीसा , शिव आरती आदि प्रचलित मंत्रो की सूचि में समाविष्ट है। इस पोस्ट से आप Lingashtakam Stotram Lyrics Hindi PDF / लिंगाष्टकम स्तोत्र पीडीएफ हिंदी भाषा में डाउनलोड कर सकते हैं।
शैव पुजारी लिंगाष्टकम मन्त्र को शिवरात्रि के रातो के समय पढ़ना अत्यधिक शुभ मानते है। ऐसा कहा जाता है की जो शिव भक्त इस दिव्य मन्त्र को पूर्ण भक्ति के साथ शिव लिंग की पूजा करते समय जप करेंगे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। लोगो का ऐसा मानना है की शिव लिंगाष्ठकम के मंत्रो में सबसे पहला पद वास्तव में बहुत ही महत्वपूर्ण है, जो कुछ इस प्रकार से है।
लिंगाष्ठकम मनोकामना पूर्ति, पाप नाश, सकारात्मक दृष्टिकोण, एवं दरिद्रता से लड़ने की शक्ति पाने में मदद करता है
लिंगाष्ठकम स्तोत्र Lyrics अर्थ सहित
ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं
निर्मलभासित शोभित लिंगम् |
जन्मज दुःख विनाशक लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 1 ||
अर्थ :- जो ब्रम्हा विष्णु और सभी देवगणों के इष्टदेव है, जो परम पवित्र, निर्मल, तथा सभी जीवो की मनोकामना को पूर्ण करने वाले है, और जो लिंग के रूप में बराबर जगत में स्थापित हुए है, जो संसार के संहारक है और जन्म और मृत्यु के दुखो का विनाश करते है, ऐसे भगवान सदा शिव – लिंग को नित्य निरंतर प्रणाम है!
देवमुनि प्रवरार्चित लिंगं
कामदहन करुणाकर लिंगम् |
रावण दर्प विनाशन लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 2 ||
अर्थ :- सभी देवताओं और मुनियों द्वारा पुजित लिंग जो काम का दमन करता है तथा करूणामयं भगवान् शिव का स्वरूप है जिसके द्वारा रावण के अभिमान का भी नाश हुआ उन सदाशिव लिंग को मैं प्रणाम करता हूँ।
सर्व सुगंध सुलेपित लिंगं
बुद्धि विवर्धन कारण लिंगम् |
सिद्ध सुरासुर वंदित लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 3 ||
अर्थ :- जो सभी प्रकार के सुगंधित पदार्थों द्वारा सुलेपित लिंग है जो कि बुद्धि का विकास करने वाला है तथा सिद्ध- सुर (देवताओं) एवं असुरों सभी के लिए वन्दित है उन सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम।
कनक महामणि भूषित लिंगं
फणिपति वेष्टित शोभित लिंगम् |
दक्ष सुयज्ञ निनाशन लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 4 ||
अर्थ :- जो स्वर्ण एवं महामणियों से विभूषित एवं सर्पों के स्वामी से शोभित सदाशिव लिंग तथा जो कि दक्ष के यज्ञ का विनाश करने वाला है।आपको हमारा प्रणाम।
कुंकुम चंदन लेपित लिंगं
पंकज हार सुशोभित लिंगम् |
संचित पाप विनाशन लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 5 ||
अर्थ :- लिंग जो कुंकुम एवं चन्दन से सुशोभित है। कमल हार से सुशोभित है। सदाशिव लिंग जो कि हमें सारे संञ्चित पापों से मुक्ति प्रदान करने वाला है उन सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम।
देवगणार्चित सेवित लिंगं
भावै-र्भक्तिभिरेव च लिंगम् |
दिनकर कोटि प्रभाकर लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 6 ||
अर्थ :- सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम जो सभी देवों एवं गणों द्वारा शुद्ध विचार एवं भावों के द्वारा पुजित है तथा करोडों सूर्य सामान प्रकाशित हैं।
अष्टदलोपरिवेष्टित लिंगं
सर्वसमुद्भव कारण लिंगम् |
अष्टदरिद्र विनाशन लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 7 ||
अर्थ :- आठों दलों में मान्य तथा आठों प्रकार के दरिद्रता का नाश करने वाले सदाशिव लिंग जो सभी प्रकार के सृजन के परम कारण हैं आप सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम।
सुरगुरु सुरवर पूजित लिंगं
सुरवन पुष्प सदार्चित लिंगम् |
परात्परं परमात्मक लिंगं
तत्-प्रणमामि सदाशिव लिंगम् || 8 ||
अर्थ :- देवताओं एवं देव गुरू द्वारा स्वर्ग के वाटिका के पुष्पों द्वारा पुजित परमात्मा स्वरूप जो कि सभी व्याख्याओं से परे है उन सदाशिव लिंग को हमारा प्रणाम।
लिंगाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेश्शिव सन्निधौ |
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ||
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लेखक | – |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 3 |
PDF साइज़ | 0.12 MB |
Category | Religious |
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