व्यक्त गणित – Elements of Arithmetic First Part PDF Free Download
पुस्तक का एक मशीनी अंश
जिस में एक, दो, सोन इत्यादि व्यक्त अर्थात् प्रसिद्ध संख्या की गणना करने के प्रकार लिखे रहते उसको व्यता गणित कहते हैं।
उस में संख्याओं की गयाना अर्थात् गणित करना यह वस्तुत: केवल संख्याओं का संयोग करना अर्थात उन केा इकट्ठा करना वा उन का वियोग करना अर्थात उन को अलग करना इतनी हि क्रिया है ।
व्यक्तगणित में जितने संख्याओं का गणित करने के प्रकार लिखे रहते हैं वे सब संकलन, व्यवकलन, गुणन, भागहार, धातक्रिया और मलक्रिया इन्हीं छ परिकर्मा से बनते हैं यह स्पष्ट हि है ।
उस इन छओं से भी केवल संख्याओं का संयोग वा वियोग मात्र होता है इस के अतिरिक्त और कुछ नहीं है।
जेसा संकलन में संख्याओं का संयोग होता हे व्यवकलन में वियोग होता है यह स्पष्ट है गुणन में समान अर्थात् एकरूप अनेक संख्याओं का संकलन होता है इस लिये उस में संख्याओं का संयोग हि होता है ।
भागहार में भाज्य में जितनी बार भाजक घटे उतनी घारमंख्या लब्धि अर्थात भजनफल हे यों भागहार व्यवकलन से बनता है इस में संख्याओं का वियोग होता है |
और घातक्रिया एक गुणन का विशेष है और मलक्रिया एक भाग हार का विशेष हे इस लिये इन टोने में भी क्रम से संख्याओं का संयोग और वियोग होता है ।
इस प्रकार से समय संख्याओं की गणना केवल उन का संयोग वा वियोग करना है और कुछ नहीं । उस में बुद्धिमान लोगों ने उन संयोग और वियोग करने के घिशेषों की सरगम करके व्यक्तगणित पर हिन्दी भाषा में कोई अच्छा गन्थ बना हुआ नहीं है
यह जान के हमारे पश्चिमोतर देश की शालाओं के अध्यक्ष श्रीयुत केमसन साहिब ने मेरे से कहा कि हिन्दी में उस में उदाहरण भी बहुत होवें तब मेनें उन की इच्छा के अनुसार व्यक्तगणित का अन्य बनाया।
लेखक | पंडित बापू देव शास्त्री – Pandit Bapu Deva Shastri |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 120 |
Pdf साइज़ | 8.2 MB |
Category | विषय(Subject) |
व्यक्त गणित – Elements of Arithmetic In Hindi Book Pdf Free Download