शाम्भवी तंत्र | Shambhavi Tantra PDF In Hindi

शाम्भवी तंत्र – Shambhavi Tantra Book PDF Free Download

शांभवी तंत्र: दिव्य दृष्टि और आत्मसाक्षात्कार का मार्ग

शांभवी तंत्र एक अत्यंत गूढ़ और प्रभावशाली तांत्रिक साधना पद्धति है, जिसका उल्लेख प्राचीन योग और तंत्र ग्रंथों में मिलता है। यह साधना शांभवी मुद्रा पर आधारित है, जिसे दृष्टि योग या नेत्र साधना भी कहा जाता है। इसमें साधक अपनी दृष्टि को त्रिकुटी (भ्रूमध्य) पर केंद्रित करता है, जिससे मन एकाग्र होकर उच्च चेतना की अवस्था में प्रवेश करता है।

शांभवी तंत्र का उल्लेख शिव संहिता, त्रिपुरा रहस्य, और कई तांत्रिक ग्रंथों में मिलता है। इसे शक्ति और शिव के मिलन का मार्ग माना जाता है, जहां साधक अपने भीतर छिपी दिव्यता को अनुभव करता है। यह साधना मन को भीतर की ओर मोड़कर सहज समाधि की ओर ले जाती है।

शांभवी तंत्र के लाभ:

  1. मनोवैज्ञानिक शांति: यह साधना मन को स्थिर और शांत बनाती है।
  2. आध्यात्मिक उन्नति: यह साधक को अद्वैत (एकत्व) के अनुभव की ओर ले जाती है।
  3. तीव्र अंतर्ज्ञान: व्यक्ति की अंतर्दृष्टि और मानसिक स्पष्टता बढ़ती है।
  4. ऊर्जा जागरण: यह कुंडलिनी शक्ति को जाग्रत करने में सहायक होती है।

शांभवी तंत्र न केवल ध्यान और साधना की एक विधि है, बल्कि यह शिव की कृपा प्राप्त करने का एक रहस्यमय मार्ग भी है। इसका अभ्यास करने से साधक सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर उच्च आध्यात्मिक चेतना को प्राप्त कर सकता है।

लेखक गोपीनाथ कविराज-Gopinath Kaviraj
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 134
Pdf साइज़35.6 MB
Categoryधार्मिक(Religious)

शाम्भवी तंत्र – Shambhavi Tantra Book/Pustak Pdf Free Download

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!