धर्म सम्बन्धी तात्विक बाल प्रश्नोतारी | Bal Prashnottari PDF

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धर्म सम्बन्धी तात्विक बाल प्रश्नोतारी – Bal Prashnottari PDF Free Download

(धर्म-सम्बन्धी तात्त्विक) बाल-प्रश्नोत्तरी

ईश्वर क्या है ?

ईश्वर क्या है, यह तो नहीं बताया जा सकता; क्योंकि कौन कितना बड़ा विद्वान् है, यह बात उससे बड़ा विद्वान् ही ठीक-ठीक बता सकता है और ईश्वरसे बड़ा कोई है नहीं।

सर्वशक्तिमान् ईश्वर पूरी तरह ठीक-ठीक न जाना जा सकता है, न उसका वर्णन ही हो सकता है; लेकिन ईश्वर है, यह बात सवा सोलह आने सच्ची है।

जैसे कपड़ेको देखकर, उसका कोई बनानेवाला है, यह समझा जाता है, वैसे ही संसारका भी कोई बनानेवाला होना चाहिये, यह स्पष्ट है।

संसार इतना नियमपूर्वक चलता है और फिर इतनी आश्चर्यजनक घटनाएँ इस संसारमें होती रहती हैं कि उन घटनाओंका बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी कोई कारण नहीं समझ पाते। इन सब बातोंसे ईश्वरकी सत्ता सिद्ध होती है।

ईश्वर कैसा है ?

ईश्वर सर्वव्यापक है, सर्वशक्तिमान् है, भूत भविष्य वर्तमानकी सारी बातोंको जाननेवाला है; क्योंकि इस संसार और संसारके सब पदार्थोंको तथा मनुष्यके मन और बुद्धिको भी ईश्वरने ही बनाया है।

अतः संसारमें जो कुछ है या होना सम्भव है, मन या बुद्धिमें जो कुछ आता है या आ सकता है, वह सब ईश्वरका ही रूप है। ईश्वर वह सब है और उससे भी विलक्षण है।

ईश्वर ऐसा है और ऐसा नहीं है, इस प्रकारका हठ अज्ञानके कारण होता है। जैसे घड़ेके भीतर भरा पानी घड़े-जैसा और लोटेमें भरा पानी लोटे-जैसा होता है, वैसे ही जो जैसी भावना ईश्वरके सम्बन्धमें कर ले, उसके लिये ईश्वर वैसा ही है।

ईश्वर साकार है या निराकार ?

ईश्वर निर्गुण-सगुण, साकार-निराकार सर्वरूप है। जैसे मिट्टीमें घड़ा नहीं है, परंतु मिट्टीसे अलग घड़ा कोई वस्तु भी नहीं है, इसी प्रकार ईश्वरमें यह संसार नहीं है, पर संसारके पदार्थ और गुण ईश्वरसे अलग भी नहीं हैं।

ईश्वरमें गुण होते तो संसारमें गुण आते ही कहाँसे और ईश्वरमें निर्गुणता न होती तो बुद्धिमें निर्गुणकी भावना कैसे आती। इसी प्रकार आकाश, वायु आदि निराकार और पशु-पक्षी आदि साकार पदार्थ भी ईश्वरने ही बनाये हैं।

ईश्वर सर्वशक्तिमान् है। अतः वह एक ही साथ निराकार और साकार दोनों है। इसलिये ईश्वरके निराकार या साकारपनेके विषय में झगड़ना नहीं चाहिये।

लेखक Gita Press
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 36
Pdf साइज़45.2 MB
Categoryधार्मिक(Religious)

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