साहित्यिक ब्रजभाषा कोश खंड १ | Sahityik Brajbhasha Kosh Khand 1 Book/Pustak Pdf Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
साहित्यिक ब्रजभाषा कोश का दुस्तर कार्य यह कैसे पूरा हो गया है यह अचर ज की बात है, निश्चिय ही स्वर्गीय चतुर्वेदी द्वारका प्रसाद शर्मा के तप, पूज्य भैया साहब श्रीनारायण चतुर्वेदी के आर्शी- वाद और निरन्तर उद्बोधन, आदरणीय सुमन जी के हार्दिक सहयोग और मार्गदर्शन,
हिन्दी संस्थान के पूर्व निदेशकों (स्व० श्री विश्वनाथ शर्मा, श्री हरिश्चन्द्र, श्री रमेशचन्द्र दुबे, श्री विनोद चन्द्र पाण्डेय) तथा वर्तमान निदेशक श्री हरि माधव शरण के सौहार्द तथा सक्रिय सहयोग, हिन्दी संस्थान की पूर्व प्रधान सम्पा- दिका सम्प्रति उप निदेशक
श्रीमती डॉ० विद्याविन्दुसिंह की सक्रिय अभिरुचि और सहायता, अपने सहयोगी बन्धुओं के निष्ठापूर्ण परिश्रम तथा अपने सहकारियों के अनवरत उद्योग के बिना यह कार्य सम्भव नहीं था । एक अद्भुत विडम्बना है कि मैंने जब जीवन के कार्यक्षेत्र में प्रवेश किया
तो स्व० राहल जी की प्रेरणा से हिन्दी के पारिभाषिक कोश कार्य में लगा था और अब जब मैं जीविका से अवकाश लेने के लग भग कगार पर खड़ा हूँ फिर कोश-कार्य में फँस गया, ऐसे कोश-कार्य में जिसके लिए सर्वथा अनुपयुक्त व्यक्ति था।
न तो मैं ब्रजभाषा भाषी हैं और न कोशशास्त्र का पंडित और न हिन्दी साहित्य विशेष रूप से ब्रजभाषा साहित्य का मर्मज्ञ। जैसे तसे कुश-काश का अवलम्बन करते हुए इस कोश के महानद का पहला खण्ड पार हुआ है । मैं इसका श्रेय उपरिलिखित
गुरुजनों और सहयोगियों को देता हूँ और इसमें जो भी कमियाँ रह गई होंगी (और वे कमियाँ होंगी ही होंगी), उनके लिए अपने को उत्तरदायी मानते हुए क्षमा माँगता हूँ। मैं उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान और उसके प्रमुख अधिकारियों, उपाध्यक्ष आदरणीय श्री शिव मंगल सिंह ‘सुमन’ के प्रति, वर्तमान निदेशक श्री हरि माधव शरण
लेखक | चतुर्वेदी द्वारका प्रसाद शर्मा- Chaturvedi Dwaraka Prasad Sharma |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 405 |
Pdf साइज़ | 40 MB |
Category | साहित्य(Literature) |
साहित्यिक ब्रजभाषा कोश खंड १ | Sahityik Brajbhasha Kosh Khand 1 Book/Pustak Pdf Free Download