कव्वाली | Qawwali PDF In Hindi

कव्वाली का शरई हुक्म – Qawwali Ka Book PDF Free Download

हिंदी कव्वाली

  • अलहाज सय्यद मुहम्मद उवैस मुस्तफा वास्ती चिश्ती
  • गुले गुलजारे वास्तियत सूफी ए बा सफा हजरत अल्लामा

नशीन खानकाहे आलिया चिश्तिया वास्तिया कादरिया, बिलग्राम शरीफ |

अजीजम मौलाना मुहम्मद रियाज खाँ बरकाती के ज़रिये से मालूम हुआ कि मौलाना मुहम्मद राहत खाँ कादरी सल्लामहू ने “मुरव्वजा कव्वाली का शराई हुक्म” नाम से एक किताब तरतीब दी है

सुनकर खुशी हुई जरूरत के मुताबिक इस्लाहे मुआशरा पर ऐसी किताबों की इफादियत मोहताजे ब्यान नहीं जो कि लोगों के अन्दर फैली बुराईयों को दूर करने के लिये लिखी जायें।

जेरे नजर किताब के अन्दर ढोल, ताशे, बाजे, हरमोनियम, ताली औरतों और मदों के इखतिलात के साथ कव्वाली का शराई हुक्म लिखा गया है जिसके नाजायज व हराम होने में कोई शक नहीं

“सिमा” जो कि बुजुर्गाने दीन और औलिया-ए-किराम सुनते थे अगर आज भी कोई उन तमाम शराइत का जाने हो जो कि “सिमा” सुनने वाले के लिये जरूरी हैं

और जो सुना जाये वह नात व मनकबत वगैरह के अशआर हों बेहूदा और लग्ब बातें न हो अन्दाज फिल्मी गानों वगैरह का न हो और मजलिस भी उन तमाम बातों से पाक हो

जो “महफिले सिमा” के खिलाफ हो और सुनाने वाला भी उन शराइत का जामे हो जो कि “सिमा” सुनाने वाले के लिये जरूरी हैं। यानी सुनने वाला परहेज़गार मुत्तकी यादे हक में डूब कर सुने महफिल में कोई अमरद,

औरत और फ़ासिक वगैरा न हों सुनाने वाला भी परहेजगार मुत्तकी हो फ़ासिक न हो और इसके अलावा भी कोई काम उमूर शा के खिलाफ न हो तो जाइज है। लेकिन आज के ज़माने में इन शराइत का पाया जाना बहुत मुश्किल है।

लेखक मुहम्मद राहत खाँ कादरी-Muhammad Rahat Khan Qadri
भाषा हिन्दी
कुल पृष्ठ 23
Pdf साइज़1 MB
Categoryसाहित्य(Literature)

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