बागी की बेटी | Bagi Ki Beti Book/Pustak Pdf Free Download

पुस्तक का एक मशीनी अंश
एक खरीता तैयार किया है। बहुत कुछ नहीं नहीं करने के बाद ब्रिटेन की सभा ने उस स्वरीते को स्वीकार किया।लको में दो दल बन गये। आयरलैंड] का ढीवेलरा पक पक में है; दूसरे में है फेनगार्ड। एक दल का कहना है कि सुधार स्वीकृत करने चाहिए ।
दूसरे की दलील है कि जिस सन्धि से बन-खाधारव को स्थिति नहीं बदलती; उससे देश का क्या लाम ?माइकेल कालेन्स इसी दूसरे दल में हैं। उसका कहना यह है कि देश सर्वसाधारण का दूसरा नाम है। इने-गिने थोड़े से आरानदोलकों का नहीं है।
इने-गिने को राजनैतिक अधिकार मिल जाने से देश का लाभ नहीं हो सकता और न शान्ति ही हो सकती है।कालेन्स ने खुला आन्दोलन छोड़ दिया है । वह अब गुत आ्र न्दोलन करता है। उसके एक सहकारी का नाम ड्प क था ।
शपने कार्य में उसे ड्य कसे बड़ी मदद मिलती है। गुन रीति से कार्य आरम्म करने की अड़चनों से बचकर एक दिन व्यक ने कालेन्स से खुले कार्य करने की बात कही, तो कालेन्स ने उत्तर दिया–हमारे देश में राष्ट्रीय कार्यकर्ताओं श्री दयट मिलते हैं, अतएव हमें प्रचार काम करना ही ठीक है।
कालेन के पास दिनों आन्दोलन के सभी साधन है। उसके नाम से समाचार पत्र निकलते हैं, विशमियाँ अाशित होती है, समय समय पर छिटफुट युद्ध भी हो जाते है, किन्तु पुलिस को कुछ भी पता नहीं लगता। एक दिन पुलिस को न आने कैसे कालेस के पर का पता लग गया और उसने उस पार को पैर जिया ।
लेखक | मुनीश्वरदत्त अवस्थी-Munishwardatt Awasthi |
भाषा | हिन्दी |
कुल पृष्ठ | 136 |
Pdf साइज़ | 4.7 MB |
Category | कहानियाँ(Story) |
बागी की बेटी | Bagi Ki Beti Book/Pustak Pdf Free Download